होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज

पित की थैली में पथरी यह किडनी में पथरी के जैसा ही एक गंभीर बिमारी है लेकिन इसके इलाज के लिए ऑपरेशन ही एक मात्र रास्ता बताया जाता है क्या यह सच है ? क्या होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज संभव है ? आज हम इसी के बारे में सरल सब्दों में विस्तार से जानेंगे|

साथियों बीमारी का इलाज बिना ऑपरेशन के हो यह हर कोई चाहता है, बहुत कम लोग ऑपरेशन के द्वारा किसी भी बिमारी का इलाज कराना चाहते है इसके पीछे अधिक रुपयों का खर्चा, मानसिक अवस्था अथवा शारीरिक परिस्थिती शामिल हो सकती है|

होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज दवाइयों के द्वारा किया जा सकने का दावा किया जाता है लेकिन आधुनिक युग के एलोपैथिक उपचार में पित की पथरी का पूर्ण रूप से इलाज के लिए ऑपरेशन एक मात्र अच्छा रास्ता माना जाता है|

आज के इस लेख में जानेंगे की होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज कैसे संभव है और होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज कब और किस प्रकार किया जा सकता है| विश्वास मानिये यह लेख जानकारी से भरपूर होने वाली है इसलिए कृपया इसे ध्यान से पढ़िए|

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पित्त की थैली में पथरी क्यों होती है

पित की थैली यह लीवर के निचे थैलीनुमा आकर में होता है जो लीवर के द्वारा बनाए जा रहे तरल पदार्थ “बाइलपित्त रस को संगृहीत करने का कार्य करता है| जब पित में बाइल बहुत अधिक मात्रा में संगृहीत होने लगता है या आवश्यकता से अधिक लगातार पित्त रस संगृहीत होने लगता है तब वह गाढ़ा तरल पदार्थ बन्ने लगता है जो धीरे धीरे पथरी का रूप ले लेता है जिसको पित की थैली की पथरी कहते है|

पित्त की थैली में पथरी क्यों होती है
पित्त की थैली में पथरी क्यों होती है

बाइल जिसे पित रस भी कहते है वह एक तरह का तरल पदार्थ है जो लीवर के द्वारा बनता है| बाइल पानी, प्रोटीन, फैट, पिगमेंट और कोलेस्ट्रोल के बना होता है जो मुख्य रूप से फैट वाले भोजन को पचाने के लिए बहुत आवश्यक होता है|

पित्त की थैली में पथरी होने के कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित है|

1. पित की थैली में कोलेस्ट्रोल की अधिक मात्रा के लगातार बने रहने पर यह गाढ़ा तरल पदार्थ का रूप के लेता है जो बाद में पथरी बनता है|

2. यदि बहुत अधिक कोलेस्ट्रोल युक्त आहार ग्रहण करते है तब पित की थैली में पथरी बन्ने का अधिक खतरा रहता है|

3. गर्भावस्था के दौरान महिलओं में स्ट्रोजन नाम का हार्मोन बनता है जो पित में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को बढाने का कार्य करती है|

4. गर्भनिरोधक दवाइयों के सेवन से भी स्ट्रोजन नाम का हार्मोन बनता है जो पित में कोलेस्ट्रोल की मात्रा को बढाने का कार्य करती है|

5. बहुत जल्द वजन कम करने पर पित में स्थित “बाइल” पूरी तरह से प्रयोग में नहीं हो पाता यदि यह प्रक्रिया लम्बे समय तक रहती है तो पित में बहुत अधिक दिनों तक आवश्यकता से अधिक “बाइल” बन्ने लगता है और पित्त की पथरी बन्ने का खतरा रहता है|

6. लीवर से जुडी बिमारी के बार बार होने से पित्त की थैली में पथरी बन्ने का कारण बढ़ जाता है|

7. यह वान्सनुगत भी होता है यदि माता पिता में से किसी को पहले पित्त की थैली में पथरी की समस्या हो चुकी हो तो संतान को भी होने की संभावना रहती है|

उपरोक्त कुछ बहुत सामान्य और मुख्य कारण है जिससे पित्त की थैली में पथरी का निर्माण होता है| चलिए अब जानते है पित्त की थैली में पथरी का इलाज कैसे होता है व होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज कैसे किया जाता है| दवाई से पित्त की थैली में पथरी का इलाज कैसे किया जाता है|

पित्त की थैली में पथरी का इलाज कैसे किया जाता है – होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज

मुख्यतः तीन तरह के दवाई की पद्धति वर्तमान समय में अपनाया जाता है पहला एलोपैथिक विधि से इलाज दूसरा होम्योपैथी विधि के इलाज और तीसरा आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज|

पथरी का इलाज कैसे किया जाता है
पथरी का इलाज कैसे किया जाता है

एलोपैथी में पित की पथरी का इलाज

एलोपेथी में कहा जाता है वर्तमान समय में ऐसा कोई दवाई नहीं है जिससे पित्त की थैली के पथरी का इलाज हो सके यदि पित्त की थैली में पथरी की सिकायत है तो केवल और केवल ऑपरेशन के द्वारा इलाज संभव है| 

एलोपैथी में पित की पथरी का इलाज करना है तो ऑपरेशन के द्वारा पित्त की थैली को निकाल दिया जाता है यही कारण है अधिकतर लोग एलोपैथी से पित्त की थैली के पथरी का इलाज नहीं कराना चाहते| इससे पथरी का पूरी तरह इलाज हो जाता है लेकिन पित्त की थैली के हटा दिए जाने के कारण जीवन भर दुस्प्रभाव देखने को मिल सकते है|

होम्योपैथी में पित्त की पथरी का इलाज

होम्योपैथी में कोलेस्ट्रोल से जुडी शारीरिक समस्याओं के इलाज के लिए बहुत सी कारगर दवाइयाँ है इसी के आधार पर कहा जाता है की होम्योपैथी में पित्त की पथरी का बहुत कारगर इलाज है जिसको केवल दवाई देकर ही किया जा सकता है|

यदि पित्त की पथरी का आकार 5mm तक है तो बिना किसी परेशानी के पित्त की पथरी का इलाज दवाइयों के द्वारा संभव है| यदि पथरी का आकर 10mm तक बड़ा है और बहुत गंभीर स्थिति नहीं है तब भी कुछ नियमित समय तक लगातार परहेज और सही होम्योपैथी दवाइयों को लेने से पित्त की पथरी का इलाज किया जा सकता है|

होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज संभव है लेकिन मध्यम या अधिक आकार के पित्त की पथरी या तत्काल स्थिति में इलाज संभव नहीं है|

आयुर्वेद में पित्त की पथरी का इलाज

आयुर्वेद में कई तरह के जड़ी बूटी के जिसके आधार पर पित्त की पथरी का इलाज करने का दावा किया जाता है लेकिन इसका अधिकतर कोई प्रमाणित इलाज नहीं बताया गया है|

आयुर्वेद में बहुत निम्न आकर के पित्त की पथरी का इलाज संभव है लेकिन मध्य अथवा अधिक आकर के पथरी का इलाज पूरी तरह संभव नहीं है इसका कोई प्रमाण नहीं है|

आयुर्वेद में लगभग हर प्रकार के शारीरिक दोष और बीमारियों का इलाज आयुर्वेदिक औसधियों और जड़ी बूटियों के सहायता से की जाती है जिससे किसी भी प्रकार का शारीर में दुस्प्रभाव देखने को नहीं मिलता|

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होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी के इलाज के लिए कई तरह के दवाई है जिससे कोलेस्ट्रोल से जुडी बीमारियाँ व पित्त की थैली में पथरी की बिमारियों का पूरी तरह इलाज करने का दवा किया जाता है|

होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज कैसे किया जाता है
होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज कैसे किया जाता है

यदि पित्त की पथरी के कारण असहनीय दर्द की स्थिति उत्पन्न हो चुकी हो व पथरी पित्त रस के बहार निकलने वाली नाली में फस चुकी हो तब इससे पित्त में इन्फेक्शन हो सकता है और बहुत गंभीर स्थिति बन सकती है ऐसे में होम्योपैथी इलाज से पित्त की थैली में पथरी का इलाज संभव नहीं है|

होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज कब संभव है ?

यदि आपको पित्त में पथरी का आकार छोटा है या सुरुवाती पथरी के लक्षण है तब बिना किसी परेशानी के पथरी का इलाज संभव है| यदि पथरी का आकर 5mm से 10mm तक बड़ा है और दर्द का अहसास नहीं हो रहा तब भी कुछ लम्बे समय अंतराल तक होम्योपैथी के दवाइयों का उपयोग व खान पान, रहन सहन में परहेज करके केवल दवाइयों से ही पथरी का इलाज किया जा सकता है|

यदि आपको संयोग वस पित्त की पथरी का पता चला हो या पित्त के पथरी का आकर छोटा हो तब होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज संभव है लेकिन आपके पित्त में पथरी की आकर 10mm से अधिक है और अचानक से उठे असहनीय दर्द के कारण आपको पित्त में पथरी की जानकारी हुई है तब ऐसी स्थिति में होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज के बारे में सोचने से के बदले ऑपरेशन से इलाज के बारे में विचार करना चाहिए|

होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज करने के लिए बहुत लम्बे समय तक दवाई लेना पड़ता है और स्वयं की अच्छी तरह से देखभाल करने की जरुरत पड़ती है जिससे पथरी का इलाज केवल दवाइयों से संभव हो पाता है|

होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज की दवाइयाँ

यदि होम्योपैथी के द्वारा पित की पथरी का इलाज कराना चाहते है तब होम्योपैथी में पित्त की पथरी का इलाज करने के लिए बहुत से अच्छी दवाइयाँ उपलब्ध है जिसकी जानकारी निम्नलिखित है|

होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी की इलाज की दवाइयाँ
होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी की इलाज की दवाइयाँ

1. Cholesterinum 3x – होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज

Cholesterinum दवाई 3X, 6X, 8X, 12X, 30X, 200X, 12C, 30C, 60C, 200C तक के पोटेंसी में देखने को मिल जाती है| यह दवाई शारीर में कोलेस्ट्रोल से होने वाली किसी भी प्रकार की बिमारी के इलाज में इस्तेमाल करने के लिए होम्योपैथी में बहुत आवश्यक दवाई बतायी गयी है|

यह दवाई लेने से शारीर में कोलेस्ट्रोल का नियंत्रण होता है और शारीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा में कमी आती है| Cholesterinum 3x दवाई लेने से पित्त की थैली में जमा होने वाला कोलेस्ट्रोल की मात्रा में कमी आती है जिससे पित्त की थैली सही तरीके से काम करने लगता है और पित्त की थैली में बना पथरी भी धीरे धीरे गलकर ठीक होने लगता है|

यह दवाई विशेष रूप से शारीर में पथरी के बन्ने का कारण कोलेस्ट्रोल से सम्बंधित समस्या को ठीक करता है| यह दो दो टेबलेट दिन में तीन बार चुसना चाहिए इससे कोलेस्ट्रोल सम्बंधित परेशानियाँ ठीक होती है|

2. Fel Tauri 30 – होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज

यह दवाई पथरी को गलाने का काम करती है और पेशाब से सम्बंधित समस्याओं को भी ठीक करने में कारगर होती है| इस दवाई को दिन में 3 बार लेना चाहिए|

3. Lycopodium 200 – होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज

यह दवाई लीवर और किडनी से जुडी समस्याओं के इलाज में बहुत कारगर तरीके से काम करती है इस दवाई को दिन में सुबह के समय केवल 1 बार लेना चाहिए, पाचन क्रिया को भी ठीक करने में यह बहुत सहायक होती है|

4. China 200 – होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज

यह दवाई को शाम को केवल 1 बार लेने की सलाह दी जाती है, China 200 होम्योपैथी दवाई पित्त की पथरी के कारण पेट में होने वाले अपच, उलटी और होने वाले गैस की समस्या को ठीक करती है साथ ही पित्त के पथरी को भी धीरे धरे गलाने में मदद करती है|

5. मदर टिंक्चर – होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज

Berberis Vulgaris Q, Carduus Mar Q और Chelidonium Q इन तीनो होम्योपैथी मदर टिंक्चर दवाई को रोजाना दिन में तीन टाइम हल्का गुनगुना पानी में 10 – 10 बूंद डालकर पीने से पित्त की पथरी हो या किडनी की पथरी उसको गलाने में बहुत मदद मिलता है| Berberis Vulgaris Q मदर टिंक्चर दवाई पित्त की पथरी हो या किडनी की पथरी दोनों को गलाने में बहुत काम आती है|

ऊपर बतायी गयी ये सभी वह होम्योपैथी की दवाइयाँ है जो सबसे पहले पित्त के पथरी के मरीज को सामान्य पित्त की पथरी के इलाज के लिए पहली बार दी जाती है| इन दवाइयों को लेने पर फायदा हुआ या नहीं इसके आधार पर होम्योपैथी के डॉक्टर बिमारी के स्थिति के अनुसार आगे की दवाई लेने की सलाह देते है|

होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज कैसे किया जाता है

होम्योपैथी में पित्त की के इलाज के लिए सबसे पहले पथरी के आकर की जांच की जाती है फिर जांच के आधार पर पथरी का इलाज हो पाना संभव है या नहीं यह देखा जाता है इसके बाद दवाई दी जाती है और आगे की उपचार के लिए निर्देश दिए जाते है|

होम्योपैथी में सुरु से लेकर आखिर तक पथरी के इलाज के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन किया जाता है|

1. यदि अचानक से पथरी के दर्द का पता चला हो तो पथरी के आकार का जांच किया जाता है|

2. यदि पथरी का अकार 10mm से छोटा है और लगातार दर्द की स्थिति न बनी हो तब होम्योपैथी के दर्द आराम देने की दवाई के साथ पित्त की थैली में पथरी के इलाज की दवाई दी जाती है|

3. केवल दवाई से ही पित्त पथरी का इलाज संभव नहीं इसलिए एक डाइट प्लान दी जाती है जिसको जब तक डॉक्टर कहे तब तक फॉलो करना होता है|

4. सुरुवाती दवाई लेने के कुछ समय बाद पथरी की जांच की जाती है और सुधार पाई जाने पर आगे की दवाई दी जाती है|

5. होम्योपैथी दवाई और नियमित डाइट प्लान को पथरी के पूरी तरह ठीक न हो जाने तक लिया जाना आवश्यक होता है जिसमे 3 महीने से 1 साल भी लग सकते है|

इस लेख में हमने होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज के बारे में अब तक बहुत से प्रकार की दवाइयाँ व इलाज के प्रकार के बारे में बात की है जिससे होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज संभव है या नहीं इसके बारे में पता चल सके| इस लेख को पढ़कर कोई भी यह अशानी से समझ सकता है की होम्योपैथी में पित्त की पथरी का इलाज बिना ऑपरेशन के व केवल दवाइयों से की जा सकती है| आशा करते है आपको वह जानकारी जानने को मिली होगी जो आप जानना चाहते थे|

क्या होम्योपैथी से पित्त पथरी को हटाया जा सकता है?

होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज संभव है, यदि पित्त की पथरी सुरुवाती दौर में हो या उसका आकार 5mm तक हो तो उसे होम्योपैथी के दवाई व सही खान पान के साथ परहेज करने से बिना ऑपरेशन के पित्त की पथरी का इलाज किया जा सकता है|

बिना सर्जरी के पित्ताशय से पथरी कैसे निकालें?

एलोपैथी में पित्त की पथरी के लिए ऑपरेशन करना आवश्यक होता है जिसमे पित्त की थैली को निकाला जाता है लेकिन होम्योपैथी में कई तरह की दवाइयाँ है जिसके आधार पर दवा किया जाता है की होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज बिना ऑपरेशन के किया जा सकता है|

पित्त रोग की होम्योपैथिक दवा

पित्त की रोग, लीवर की रोग या शारीर में अधिक कोलेस्ट्रोल बढ़ने पर किसी भी प्रकार के रोग के इलाज के लिए Cholesterinum 3x होम्योपैथी दवाई है जो बहुत उपयोगी मानी जाती है| Cholesterinum 3x होम्योपैथी दवाई पथरी के इलाज के साथ साथ शारीर में कोलेस्ट्रोल से जुडी सभी समस्याओं को ठीक करने में सहायता करता है|

निष्कर्ष

इस होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज के इस लेख में हमने पित्त के पथरी का होम्योपैथी इलाज व इसके दवाइयों के बारे में बहुत विस्तार से बातें की है| इस लेख को पढ़ कर आप यह समझ सकते है की आपको पित्त की थैली में पथरी का इलाज होम्योपैथी से कराना चाहिए अथवा नहीं साथ ही आप यह जान पाएंगे की एलोपैथी में पित्त की पथरी का क्या इलाज होता है|

इस लेख में हमने पित्त की थैली में पथरी क्यों होती है ? पित्त की थैली में पथरी का इलाज कैसे किया जाता है ? होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज और होम्योपैथी में पित्त की थैली में पथरी का इलाज की दवाइयाँ के बारे में विस्तार से जानकारी दी है| यदि आपने यह लेख पूरा पढ़ लिया है तो हम आशा करते है की आपको सही जानकारी मिली होगी और जो जानकारी आप जानना चाहते थे वह जानकारी आपको मिली होगी|

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