महिला हो अथवा पुरुष, किशोरावस्था आने पर एवं यौवन अवस्था में चेहरे पर कील मुंहासे, घमौरी, फोड़े-फुंसी जैसी समस्याएं होना आम बात है। यह कोई गंभीर समस्या नहीं है, बल्कि यह एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है। हालांकि, यदि आप बचपन से ही स्वस्थ आहार का सेवन करते हैं और अपने स्वास्थ्य का अच्छी तरह ध्यान रखते हैं, तो इन समस्याओं से आप बच सकते हैं।
लेकिन वे लोग जिनको यह समस्या होती है, उनके लिए प्राकृतिक या आयुर्वेदिक नुस्खों का इस्तेमाल करना सबसे बेहतर उपाय है। यदि इनसे भी राहत नहीं मिलती है, तो ही अंग्रेजी दवाइयों या क्रीम्स के बारे में विचार करना चाहिए।
इस आर्टिकल में हम मुँहासे के लिए सबसे अच्छी क्रीम की टॉप 10 लिस्ट प्रस्तुत करने वाले हैं। यह सभी क्रीम्स त्वचा विशेषज्ञों द्वारा प्रिस्क्राइब की गई हैं और मुंहासे हटाने में कारगर मानी जाती हैं। इनमें से कुछ क्रीम्स ऐसी भी हैं, जिन्हें बिना डॉक्टर के पर्चे के नहीं खरीदा जा सकता है। इसलिए इन क्रीम्स का उपयोग करने से पहले त्वचा विशेषज्ञ डॉक्टर या सामान्य डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।
चलिए, अब हम “मुँहासे के लिए सबसे अच्छी क्रीम टॉप 10 लिस्ट” के बारे में जानते हैं। लेकिन उससे पहले हम यह भी समझेंगे कि आखिर वे कौन-कौन से प्रमुख कारण हैं, जिनके चलते त्वचा पर कील-मुंहासे जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यदि आप इन कारणों को समझकर अपने जीवन में कुछ बदलाव करते हैं, तो संभवतः आपको मुंहासों की समस्या से निजात मिल सकती है।
मुँहासे होने का मुख्य कारण
मुहांसे, जो एक प्रकार का ऐक्ने है, तब होते हैं जब त्वचा के बालों के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं और इस कारण त्वचा के रास्ते बाहर निकलने वाली शारीरिक गंदगी अंदर ही जमा होने लगती है जिससे वह गंदगी पिंपल, फुंसी फोड़े, ब्लैकहेड्स अथवा वाइटहेड्स इत्यादि में परिवर्तित हो जाते हैं। मुंहासे होने के निम्नलिखित प्रमुख कारण माने जाते हैं।
1. हार्मोन में बदलाव
हार्मोनल परिवर्तन के कारण त्वचा तैलीय हो सकती है, जिससे एक्ने की समस्या उत्पन्न हो सकती है। ये परिवर्तन युवावस्था, गर्भावस्था, मासिक धर्म के दौरान, या गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन शुरू करने या बंद करने के समय हो सकते हैं। यदि आपने गौर किया होगा तो देखा होगा कि जिन महिला अथवा पुरुष का चेहरा अधिक तेलिया होता है उनके चेहरे पर अक्सर पिंपल, फुंसी, फोड़े इत्यादि देखने को मिलते हैं।
2. दवाइयों के प्रभाव
यदि दवाइयों का अधिक सेवन कर लिया जाए तब भी कई बार फोड़े फुंसी निकलने के चांसेस होते हैं। कुछ दवाइयां यदि साइड इफेक्ट दिखाएं तब चेहरे पर या शरीर के किसी अन्य भाग पर फोड़े, फुंसी या पिंपल निकलने की संभावना होती है। कुछ दवाइयाँ, जैसे कि कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, लिथियम, और बार्बिचुएट्स, मुहांसों का कारण बन सकती हैं।
3. वंशानुगत
अगर आपके परिवार में किसी को एक्ने की समस्या रही है, तो आपके एक्ने होने की संभावना भी बढ़ जाती है। यह एक वंशानुगत समस्या है। जी हां चेहरे पर अधिक पिंपल की समस्या हो और बहुत अधिक उपचार करने पर भी ठीक ना हो रहा हो तो आप इसको वंशानुगत समस्या मान सकते हैं। यदि आपके माता या पिता में से किसी को भी पिंपल की समस्या थी तो आपको भी पिंपल की समस्या लंबे समय तक परेशान कर सकती है।
4. ऑयली प्रोडक्ट का उपयोग
यदि किसी महिला अथवा पुरुष का चेहरा oily है तो उसको हमेशा से ही चेहरे पर कील मुंहासे एवं पिंपल होने की संभावना रहती है यदि वह ऑयली प्रोडक्ट का कैसे फेस क्रीम इत्यादि का उपयोग करते हैं तो उसके कारण चेहरे पर पिंपल इत्यादि बन सकते हैं।
5. पसीना और आर्द्रता
भारी पसीना और नमी भी एक्ने को बढ़ावा दे सकते हैं। पसीना के कारण गर्मियों में घमौरी बहुत जल्द हो जाते हैं लेकिन पसीने के साथ धूल मिट्टी की गंदगी चेहरे पर लंबे समय तक चिपके रहने से वह डार्क स्पॉट ब्लैकहेड्स और पिंपल जैसे एक्ने बनने की भी कारण बनते हैं.
इसलिए पसीना भारी शरीर को हमेशा साफ करते रहना अच्छा होता है विशेष रूप से गर्म और उमस भरे मौसम में मुहांसों की समस्या बढ़ सकती है।
6. त्वचा को बार-बार छूना
जी हां त्वचा को बार-बार चुने से भी खेल वहां से अथवा पिंपल इत्यादि हो सकती है लेकिन यह बहुत ही रेयर केस में होता है खासतौर पर जिस महिला अथवा पुरुष की त्वचा बहुत अधिक संवेदनशील होती हैं उनकी त्वचा पर होने वाले थोड़े से भी घर्षण के कारण हल्के-हल्के मुंहासे अथवा लालिमा आ जाती है और यह लालिमा बाद में कील मुंहासे भी बने बन जाते हैं।
7. त्वचा के लिए अस्वस्थ आहार का सेवन
अत्यधिक वसा रहित या कम वसा वाला आहार त्वचा को सुखा सकता है, जिससे सेबम का उत्पादन बढ़ सकता है। यह त्वचा के रोम छिद्रों को बंद कर सकता है और एक्ने की समस्या उत्पन्न कर सकता है। जिनके त्वचा पर कील मुंहासे तथा पिंपल होने की संभावना रहती है उनको कभी भी ऑयली खाना या फिर अधिक फैट वाला खाना नहीं खाना चाहिए।
यह शरीर में अंदर से गंदगी को बढ़ाता है और वह गंदगी जब त्वचा के द्वारा बाहर निकालने की कोशिश करती है तो वह पिंपल बन जाती है।
8. सूर्य का संपर्क
अत्यधिक धूप में रहने से त्वचा पर सनबर्न हो सकता है, जो त्वचा को सूखा देता है और तेल उत्पादन को बढ़ा देता है। इससे रोमछिद्र बंद हो सकते हैं और मुहांसों की समस्या उत्पन्न हो सकती है और जिन लोगों का त्वचा अधिक संवेदनशील होता है उनकोसूर्य का संपर्क होने से कई अन्य तरह की त्वचा संबंधित समस्या भी हो सकती है।
9. ऐक्ने की सामान्यता और प्रभाव
ऐक्ने अमेरिका में सबसे आम त्वचा समस्या है, जो हर साल लगभग 50 मिलियन लोगों को प्रभावित करती है। यह कोई गंभीर स्थिति नहीं है, लेकिन इससे त्वचा पर स्थायी निशान छोड़ सकते हैं।
मुहांसों के कारण त्वचा पर जो भी बदलाव होते हैं, उनसे निजात पाने के लिए नियमित स्किनकेयर और अच्छे आहार का सेवन करना महत्वपूर्ण होता है। साथ ही, त्वचा को साफ-सुथरा रखने, हल्के सौंदर्य प्रसाधनों का चयन करने, और तैलीय खाद्य पदार्थों से परहेज करना ऐक्ने को नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकता है।
मुँहासे के 10 सामान्य कारण
- रोमछिद्रों का बंद होना।
- त्वचा से मृत कोशिकाओं का जमा होना।
- हार्मोन असंतुलन।
- अनुवांशिकता।
- माहवारी, गर्भावस्था, या प्रसव के बाद के हार्मोनल परिवर्तन।
- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)।
- धूल और प्रदूषण से रोमछिद्र बंद होना।
- अधिक मसालेदार या तली-भुनी चीजें खाने से।
- धूम्रपान।
- त्वचा पर गंदगी और बैक्टीरिया का जमना।
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मुँहासे के लिए सबसे अच्छी क्रीम की लिस्ट
बाजार में कई तरह की फेस क्रीम मुँहासों के इलाज के नाम पर बेची जाती हैं और इनके विज्ञापनों में बड़े-बड़े अभिनेता भी दिखते हैं। लेकिन, ये क्रीम अक्सर केमिकल से बनी होती हैं, जो त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती हैं। बिना मुँहासों के कारण को समझे इन क्रीम का इस्तेमाल करना असरकारी नहीं होता। लंबे समय तक केमिकल युक्त क्रीम का उपयोग त्वचा की समस्याएं बढ़ा सकता है। घरेलू उपचार, भले ही समय लें, लेकिन मुँहासों का सुरक्षित और बेहतर इलाज हो सकते हैं।
अब हम मुँहासों के लिए 10 सबसे अच्छी क्रीम के बारे में जानेंगे। इन क्रीम्स के फायदे और नुकसान पर भी चर्चा करेंगे। ध्यान दें कि इनमें से कुछ क्रीम हर्बल यानी प्राकृतिक सामग्रियों से बनी हैं, जबकि बाकी में कुछ मात्रा में केमिकल का मिश्रण है। हालांकि, सभी क्रीम का अच्छे से परीक्षण किया गया है, जिससे ये त्वचा को नुकसान नहीं पहुंचातीं और मुँहासों पर प्रभावी होती हैं। आइए जानते हैं भारतीय बाजार में उपलब्ध, सभी प्रकार की त्वचा के लिए उपयुक्त, मुँहासों के लिए 10 बेहतरीन क्रीम।
1. डिफरिन 0.1% मुँहासे के लिए क्रीम
डिफरिन (एडापेलीन) जेल, 0.1% एक रेटिनोइड है जिसका उपयोग मुंहासों के इलाज के लिए किया जाता है। डिफरिन जेल के रूप में उपलब्ध है। इसको मुहाँसे हटाने की अंग्रेज़ी दवा भी कह सकते है इसको बिना डॉक्टर के सलाह के उपयोग नहीं करना चाहिए हांलाकि यह बिना डॉक्टर के पर्ची के खरीदा जा सकता है।
डिफरिन जेल के सामान्य दुष्प्रभावों में दवा लगाने के तुरंत बाद थोड़ी गर्मी, चुभन, झुनझुनी या जलन की अनुभूति शामिल है। डिफरिन जेल का उपयोग करने के पहले 2-4 सप्ताह के दौरान त्वचा की लालिमा, सूखापन, खुजली, पपड़ी बनना , हल्की जलन या मुंहासों का बिगड़ना हो सकता है।
2. स्किनोरेन क्रीम – मुँहासे के लिए क्रीम
Skinoren क्रीम के लाभों में त्वचा के मुँहासों को कम करना, बैक्टीरिया को नियंत्रित करना, और त्वचा की सूजन को कम करना शामिल है। यह क्रीम त्वचा की टोन को भी सुधारने में मदद कर सकती है। इसके दुष्प्रभावों में त्वचा पर जलन, खुजली, हल्की सूजन, और त्वचा का सूखना शामिल हो सकता है, विशेषकर संवेदनशील त्वचा वाले लोगों के लिए। उपयोग से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना उचित होता है, ताकि यह क्रीम आपकी त्वचा के प्रकार के लिए उपयुक्त है या नहीं, इसका निर्धारण किया जा सके।
3. डुएक जेल मुँहासे के लिए क्रीम
Duac Gel मुँहासों का कारण बनने वाले बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए क्लिंडामाइसिन और बेंज़ोयल पेरोक्साइड का उपयोग करता है। क्लिंडामाइसिन बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकता है, जबकि बेंज़ोयल पेरोक्साइड उन्हें मारता है, जिससे मुँहासे कम होते हैं। इसे रोजाना एक बार, चेहरे को धोकर और सुखाकर लगाना चाहिए। एक महीने में असर दिखने की उम्मीद की जाती है, लेकिन लंबे समय तक इस्तेमाल से मुँहासों की पुनरावृत्ति को रोका जा सकता है।
4. डिफरिन जेल मुँहासे के लिए क्रीम
डिफरिन एक मुँहासे उपचार क्रीम है जिसमें सक्रिय तत्व एडापेलीन होता है। यह रोमछिद्रों को खोलने में मदद करता है ताकि त्वचा से सीबम निकल सके, जिससे सूजन, व्हाइटहेड्स और दाग-धब्बे कम होते हैं। इसके नियमित उपयोग से त्वचा की बाहरी परत का एक्सफोलिएशन बढ़ता है। डिफरिन को रात में एक बार प्रभावित क्षेत्रों पर लगाना चाहिए। इसे अच्छी तरह अवशोषित होने के बाद अन्य मॉइस्चराइज़र या कॉस्मेटिक का उपयोग किया जा सकता है।
5. Zineryt Lotion – मुँहासे के लिए क्रीम
Zineryt एक मुँहासे-रोधी लोशन है जिसमें मुख्य रूप से एरिथ्रोमाइसिन और जिंक एसीटेट होते हैं। इसके फायदे यह हैं कि एरिथ्रोमाइसिन एक एंटीबायोटिक है, जो मुँहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करता है, जबकि जिंक सूजन को कम करता है और त्वचा की मरम्मत में सहायक होता है। इस कारण से, यह लालिमा, सूजन और नए मुँहासों को रोकने में प्रभावी होता है।
नुकसान की बात करें तो, यह त्वचा को शुष्क कर सकता है और संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को खुजली या जलन महसूस हो सकती है। इसके अलावा, लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस विकसित हो सकता है, जिससे मुँहासे की समस्या फिर से बढ़ सकती है।
6. ट्रेटिन सी जेल – मुँहासे के लिए क्रीम
Tretin-C Gel में मुख्य रूप से टरेटिनॉइन और क्लिंडामाइसिन होते हैं, जो मुँहासों के इलाज में सहायक हैं। फायदे यह हैं कि टरेटिनॉइन त्वचा की कोशिकाओं के टर्नओवर को बढ़ाता है जिससे मृत त्वचा हटती है और रोमछिद्र खुलते हैं, जबकि क्लिंडामाइसिन बैक्टीरिया को रोकता है, जिससे मुँहासे और उनकी सूजन कम होती है। नुकसान के रूप में, यह त्वचा को शुष्क बना सकता है, जलन, लाली या छीलन की समस्या हो सकती है, खासकर संवेदनशील त्वचा वाले लोगों में।
7. ट्रेडिन 0.025% क्रीम – मुँहासे के लिए क्रीम
ट्रेटिनॉइन एक रेटिनोइड है जो त्वचा की कोशिकाओं के नवीकरण को बढ़ाता है, मुँहासों और झुर्रियों के उपचार में सहायक होता है। इसके फायदे यह हैं कि यह त्वचा की बनावट को सुधारता है, झाइयों को हल्का करता है और रोमछिद्रों को खोलता है, जिससे मुँहासे कम होते हैं।
नुकसान में त्वचा की शुष्कता, जलन, लालिमा, और छीलन शामिल हो सकते हैं, खासकर शुरुआत में। संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को सावधानी से इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि यह त्वचा को संवेदनशील बना सकता है।
8. टैज़ोरैक क्रीम – मुँहासे के लिए क्रीम
ताज़ोरैक क्रीम (Tazorac Cream) एक टॉपिकल दवा है, जिसका इस्तेमाल मुख्य रूप से मुँहासे (acne) और सोरायसिस (psoriasis) जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है। इसमें ताज़ारोटीन नामक सक्रिय तत्व होता है, जो विटामिन ए के परिवार से है। इसके उपयोग से त्वचा की कोशिकाओं की वृद्धि नियंत्रित होती है और त्वचा की ऊपरी सतह की मृत कोशिकाओं को हटाने में मदद मिलती है, जिससे मुँहासे और सोरायसिस के लक्षणों में कमी आती है।
ताज़ोरैक क्रीम के फायदे ये हैं कि यह त्वचा की बनावट को सुधारने में मदद करता है और मुँहासे तथा सोरायसिस के लक्षणों को प्रभावी रूप से कम करता है। इसके उपयोग से त्वचा का रंग-रूप साफ होता है और त्वचा की कोशिकाओं का नवीनीकरण भी तेज होता है।
हालांकि, इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। ताज़ोरैक के कारण त्वचा में जलन, लालिमा, खुजली, सूखापन, और छिलने जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। इसका अधिक उपयोग करने से त्वचा संवेदनशील हो सकती है, विशेष रूप से धूप में, इसलिए धूप से बचाव आवश्यक है। यह क्रीम गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए सुरक्षित नहीं मानी जाती है। किसी भी दुष्प्रभाव के मामले में डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है।
9. अल्ट्रेनो क्रीम – मुँहासे के लिए क्रीम
अल्ट्रेनो (Altreno) एक टॉपिकल लोशन है जिसमें ट्रेटिनॉइन नामक सक्रिय तत्व होता है। इसे मुख्य रूप से मुँहासे (acne) के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। ट्रेटिनॉइन विटामिन ए का एक रूप है, जो त्वचा की कोशिकाओं की पुनर्नवीनीकरण प्रक्रिया को तेज करने में मदद करता है, जिससे मुँहासे के निशान और सूजन कम होती है और त्वचा का रंग साफ और चिकना बनता है।
अल्ट्रेनो के फायदे में यह शामिल है कि यह त्वचा की ऊपरी सतह पर मुँहासों को रोकने और ठीक करने में प्रभावी है। इसके उपयोग से त्वचा का रंग-रूप भी निखर सकता है, जिससे त्वचा अधिक स्वस्थ और चमकदार दिखाई देती है।
हालांकि, इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। अल्ट्रेनो का उपयोग करने से त्वचा में सूखापन, जलन, लालिमा, और छिलने जैसी समस्याएँ हो सकती हैं, खासकर शुरुआत में। यह त्वचा को धूप के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकता है, इसलिए इसे लगाते समय धूप से बचाव करना आवश्यक है। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसका उपयोग डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए।
10. एकेएलआईईएफ (ट्राइफरोटिन) – मुँहासे के लिए क्रीम
ऐक्लिएफ (Aklief) एक टॉपिकल क्रीम है जिसमें ट्रिफ़ारोटीन (Trifarotene) नामक सक्रिय तत्व होता है। इसे विशेष रूप से मुँहासे (acne) के उपचार के लिए विकसित किया गया है, खासकर चेहरे, पीठ और कंधों के मुँहासों के लिए। ट्रिफ़ारोटीन विटामिन ए का एक डेरिवेटिव है जो त्वचा की कोशिकाओं के नवीनीकरण में मदद करता है, जिससे मुँहासों के कारण होने वाली सूजन और लालिमा में कमी आती है।
ऐक्लिएफ के फायदे में यह शामिल है कि यह मुँहासों को रोकने और ठीक करने में प्रभावी है, खासकर उन जगहों पर जहाँ अन्य दवाओं का असर कम हो सकता है। यह त्वचा की बनावट को सुधारता है और नियमित उपयोग से त्वचा को चिकना और स्वस्थ बनाता है।
हालांकि, इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। ऐक्लिएफ का उपयोग करने से त्वचा में जलन, सूखापन, लालिमा, और छिलने जैसी समस्याएँ हो सकती हैं, विशेषकर शुरुआत में। इस क्रीम के कारण त्वचा धूप के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती है, इसलिए इसे उपयोग करते समय धूप से बचाव करना ज़रूरी है। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए यह सुरक्षित नहीं माना जाता, इसलिए इसे इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
FaQ
पिंपल हटाने की सबसे अच्छी क्रीम कौन सी है?
पिंपल हटाने के लिए डिफरिन जेल, स्किनोरेन क्रीम और ट्रेडिन जैसे क्रीम का उपयोग कर सकते है यह निश्चित तौर पर लाभ दिखता है।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने मुँहासे के लिए सबसे अच्छी क्रीम टॉप 10 लिस्ट प्रस्तुत की है। इसमें बताई गई सभी क्रीम त्वचा विशेषज्ञों द्वारा प्रिस्क्राइब की गई हैं और ये 100% प्रभावी मानी जाती हैं। यह सभी क्रीम्स अंग्रेजी दवाइयों पर आधारित हैं, जिनके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। इसलिए इन क्रीम्स का उपयोग करने से पहले किसी त्वचा विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।
इनमें से कुछ क्रीम्स ऐसी भी हैं, जिन्हें बिना डॉक्टर के पर्चे के नहीं लिया जा सकता। इसीलिए इनका उपयोग करते समय डॉक्टर की सलाह जरूर लें। साथ ही ध्यान रखें कि आप जिस क्रीम का चयन करते हैं, वह आपकी मुंहासों की समस्या को जल्दी और प्रभावी ढंग से ठीक करने में सक्षम हो।
अगर आपने यहां तक हमारा लेख पढ़ा है, तो इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। हमें आशा है कि “मुँहासे के लिए सबसे अच्छी क्रीम टॉप 10 लिस्ट” पर आधारित इस आर्टिकल से आपको आपकी आवश्यकताओं के अनुसार जानकारी प्राप्त हुई होगी।