मुँहासे ये एक ऐसी सामान्य समस्या है जो हर किसी पुरुष और महिला को होती है| किशोर अवस्था में 12 से 13 साल के उम्र के बाद मुँहासे आना आम बात है
आयुर्वेदिक तरीके से किसी भी बिमारी का इलाज किया जाये तो वह इलाज प्राक्रतिक तत्वों की सहायता से किया जाता है और इसी कारण आयुर्वेदिक इलाज में परेशानी को ठीक होने में थोडा अधिक समय लगता है
आयुर्वेद के अनुसार यदि आपको मुँहासे की समस्या है तो आपको हर दिन एलोवेरा का जूस पीना चाहिए और एलोवेरा का जेल आपने चेहरे पर लगाना चाहिए|
हल्दी में भरपूर मात्र में एंटीबायोटिक गुण होता है| दूध और हल्दी का गिला लेप बनाकर उसको पिप्ल या मुँहासे वाले जगह पर बहुत ज्यादा लाभ मिलता है|
जिस भी किसी महिला या व्यक्ति को मुँहासे की गंभीर परेशानी है तो उसको हमेशा एक दिन में 3 से 5 लीटर पीना चाहिए और लोकी और अंबाला जूस का सेवन रोजाना करना चाहिए|
चिरायता और गिलोई को रात में पानी में भिगोकर सुबह उसके पानी को पिने से पूरा शारीर का खून साफ़ होता है, पेट साफ़ होता है, मुँहासे और पिम्पल निकलना बंद हो जाते है
मुँहासे या पिम्पल की समाश्या है उन्हें रोजाना नीम के पत्ते को पानी में उबालकर और पानी को सामान्य तामपान में रखकर रोजाना नहाना चाहिए इससे मुँहासे के समाश्या दूर हो जाती है