बता दें कि भगवान परशुराम भगवान विष्णु का छठा अवतार हैं. वहीं इन्हें भी हनुमान जी की तरह चिरंजीव होने का आशीर्वाद मिला हुआ है अतः भगवान परशुराम आज भी जीवित हैं|
महाभारत और विष्णुपुराण के अनुसार परशुराम का मूल नाम राम था किन्तु जब भगवान शिव ने उन्हें अपना परशु नामक अस्त्र प्रदान किया तभी से उनका नाम परशुराम हो गया।
परशुरामजी का उल्लेख रामायण, महाभारत, भागवत पुराण और कल्कि पुराण इत्यादि अनेक ग्रन्थों में किया गया है। वे अहंकारी और धृष्ट हैहय वंशी क्षत्रियों का पृथ्वी से २१ बार संहार करने के लिए प्रसिद्ध हैं
भगवन परशुराम शस्त्रविद्या के महान गुरु थे। उन्होंने गंगा पुत्र भीष्म, आचार्य द्रोण व कर्ण को शस्त्रविद्या प्रदान की थी|
आप सब को भगवान परशुराम जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं