पद्म श्री और दादा साहब फाल्के जैसे अवार्ड से सम्मानित तेलुगू सिनेमा के दिग्गज डायरेक्टर के. विश्वनाथ का 92 साल की उम्र में निधन

तेलुगू सिनेमा के मशहूर फिल्म निर्देशक और अभिनेता के. विश्वनाथ का 92 साल की उम्र में निधन हो गया। 

के विश्वनाथ तेलुगु और तमिल सिनेमा के एक दिग्गज एक्टर और डायरेक्टर माने जाते थे. भारत सरकार के द्वारा पद्मश्री और दादासाहेब फालके जैसे बड़े अवॉर्ड से सम्मानित थे। 

बॉलीवुड सिनेमा के सम्माननीय एवं मशहूर फिल्मकार कसीनथुनी विश्वनाथ का बीते रात गुरुवार को प्राइवेट अस्पताल में निधन हुआ है। खबरों के अनुसार लंबी बीमारी से ग्रसित होने के कारण 92 साल के उम्र में इनका निधन हुआ है.

92 साल की उम्र तक 43 फिल्मों में एक्टिंग और 55 फिल्मों को निर्देशित किया

K. Viswanath का जन्म 19 फरवरी 1930 को गुंटूर जिले में हुआ था. फिल्मी जगत की दुनिया में इन्होंने अपना सबसे पहला कदम 1965 में आत्म गोवरम के फिल्म के साथ बतौर फिल्म निर्देशक के तौर पर शुरुआत की थी, उन्होंने अपने करियर में 55 से भी अधिक फिल्मों को निर्देशित किया है और 43 से भी अधिक फिल्मों में बतौर एक्टर के तौर पर काम किया है. वह तमिल तेलुगु और कन्नड़ भाषाओं की फिल्मों में काम कर चुके और एक सम्माननीय फिल्म निर्देशक और अभिनेता के तौर पर जाने जाते है.

उनकी आखिरी फिल्म 2010 में रिलीज हुई थी। ‘सुभाप्रदम‘ फिल्म 2010 में K. Viswanath के द्वारा निर्देशित किया गया था और यह K. Viswanath की आखिरी फिल्म थी.

अपने 71 साल के फिल्मी करियर में के विश्वनाथ ने 55 से अधिक फिल्मों को निर्देशित किया और 43 से अधिक फिल्मों में बतौर एक्टर काम किया. काफी लंबे समय से बीमारी से ग्रसित होने के कारण उन्होंने हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में अपनी देह का त्याग किया.

K. Viswanath के पार्थिव शरीर को अस्पताल से जुबली हिल्स स्थित उनके निवास स्थान पर देर रात करीब 1:00 बजे लाया गया. K. Viswanath भारत के कई बड़े एवं सम्माननीय अवार्ड दादासाहेब फालके और पद्मश्री से सम्मानित थे. दादासाहेब फालके अवॉर्ड फिल्म इंडस्ट्री का सर्वोच्च अवार्ड माना जाता है।

साउंड आर्टिस्ट के रूप में करियर की शुरुआत की थी

K. Viswanath का जन्म वर्ष 1930 में 19 फरवरी को आंध्र प्रदेश के एक गुंटुर नामक जिले में रेपल्ले में हुआ था. उन्हें उनके कार्य के लिए फिल्म जगत के कई कलाकार कला के तपस्वी के नाम से भी जानते हैं. उन्होंने हिंदू कॉलेज गुंटुर में इंटरमीडिएट की पढ़ाई की थी.

इंटरमीडिएट की पढ़ाई के बाद आंध्र विश्वविद्यालय से साइंस में स्नातक किया था. अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद विश्वनाथ ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत वाहिनी स्टूडियो चेन्नई में एक साउंड आर्टिस्ट के रूप में किया था और फिल्मी जगत में इन्होंने 71 वर्षों तक कार्य किया आखिरी फिल्म वर्ष 2010 में के विश्वनाथ जी के द्वारा निर्देशित किया गया था.

भारत में पद्म श्री और दादा साहब फाल्के जैसे अवार्ड से सम्मानित

दादासाहेब फालके अवॉर्ड एक बहुत ही सम्माननीय अवार्ड है भारत में सिनेमा जगत में काम करने वाले हर एक कलाकार इस सम्माननीय अवार्ड को पाने की इच्छा करते हैं क्योंकि यह फिल्म जगत का सबसे बड़ा अवार्ड माना जाता है.

K. Viswanath  2017 में दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किए गए थे. 1992 में के विश्वनाथ पद्मश्री अवार्ड से भी सम्मानित किये गए थे. दोनों ही अवार्ड भारत के बहुत सम्माननीय अवार्ड हैं.

के. विश्वनाथ ने 2010 में आखरी फिल्म ‘सुभाप्रदम’ निर्देशित की थी 

के विश्वनाथ ने बतौर एक्टर और निर्देशक के तौर पर तमिल, तेलुगू एवं कन्नड़ तीनों सिनेमा इंडस्ट्री में कार्य किया है इन्होंने सिनेमा जगत में 71 वर्षों तक कार्य किया है इनके आखिरी फिल्म बतौर निर्देशक के तौर पर वर्ष 2010 में आई थी. 2010 में उन्होंने आखिरी फिल्म ‘सुभ्रपदम’ को निर्देशित किया था.

Jr NTR और कई मुख्य सेलेब्रिटी ने शोक जताया

साउथ फिल्म इंडस्ट्री के साथ-साथ कई बॉलीवुड अभिनेताओं ने भी के विश्वनाथ के निधन होने पर अपना शोक व्यक्त किया. तेलुगू सिनेमा के काफी जाने-माने अभिनेता जूनियर एनटीआर ने ट्वीट करके के विश्वनाथ के निधन पर शोक जताया है.

जूनियर एनटीआर ने ट्वीट करके कहा “विश्वनाथ उन लोगों में शामिल है जिन्होंने तेलुगू सिनेमा को देश से बाहर प्रसिद्धि दिलाई. उन्होंने शंकरभरणम और सागर संगम जैसी बेहतरीन फिल्में बनाई हैं. उनके निधन एक अपूरणीय क्षति पहुंचाती है. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ है भगवान उनकी आत्मा को शांति दे|”

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